भोपाल का 90 डिग्री फ्लाईओवर बना देशभर में चर्चा का विषय, सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल ही में बनकर तैयार हुआ ऐशबाग ओवरब्रिज अब विवादों और व्यंग्य का केंद्र बन गया है। इस ब्रिज की डिजाइन में बने लगभग 90 डिग्री के टर्न को लेकर जहां जनता और विशेषज्ञों की चिंता सामने आ रही है, वहीं सोशल मीडिया पर मीम्स और टिप्पणियों की बाढ़ आ गई है।
कांग्रेस ने साधा निशाना
एमपी कांग्रेस ने इस ब्रिज को “दुनिया का आठवां अजूबा” करार देते हुए लिखा,
“भोपाल आइये तो ज़रूर देखिएगा, शायद अभी तो फ्री है, वरना जिस रफ़्तार से सरकार कमाई के रास्ते ढूंढ रही है, कल को टिकट भी लग जाए।”
पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने इसे “भ्रष्टाचार के समीकरण और समकोण का अद्वितीय स्मारक” कहा और आरोप लगाया कि यह पुल सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि घोटाले का प्रतीक है। उन्होंने तंज कसते हुए इसे सिविल इंजीनियरिंग की केस स्टडी बनाने का सुझाव दिया।
वहीं कांग्रेस नेता अजय सिंह ने इसे भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनदेखी का उदाहरण बताते हुए सवाल उठाया कि क्या PWD मंत्री विश्वास सारंग ने इतनी बड़ी परियोजना की डिजाइन पर कभी गौर किया या जानबूझकर नजरअंदाज किया?
#WATCH | Madhya Pradesh | A newly-built bridge constructed in Bhopal's Aishbagh features a 90-degree turn pic.twitter.com/M1xrJxR45e
— ANI (@ANI) June 12, 2025
सुरक्षा और खर्च पर उठे सवाल
18 करोड़ रुपये की लागत से बने इस ओवरब्रिज को बनाने में 8 साल लगे, लेकिन तेज मोड़ और सीधी रेखा के अभाव ने लोगों को हैरान कर दिया है। स्थानीय वाहन चालकों का कहना है कि यह मोड़ भविष्य में हादसों को न्योता दे सकता है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री की सफाई
PWD मंत्री राकेश सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टीम ने स्थल निरीक्षण किया है और तकनीकी रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण कई तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखकर होता है। यदि किसी प्रकार की चूक या आरोप सामने आते हैं, तो जांच कराई जाएगी।
निष्कर्ष
भोपाल का यह 90 डिग्री मोड़ वाला ओवरब्रिज इंजीनियरिंग की चूक है या प्रशासनिक अनदेखी, यह तो जांच के बाद स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल यह सोशल मीडिया पर व्यंग्य और आलोचना का मुख्य विषय बना हुआ है। जनता की नाराज़गी, विपक्ष के प्रहार, और सरकार की सफाई – तीनों मिलकर इसे मध्यप्रदेश का एक और “अजब-गजब” नमूना बना रहे हैं।