राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की 4 से 6 जुलाई 2025 तक नई दिल्ली के केशवकुंड में आयोजित प्रांत प्रचारकों की बैठक को लेकर कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक और मनगढ़ंत समाचारों का संघ ने खंडन किया है। विशेष रूप से यह दावा किया जा रहा था कि संघ संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को लेकर देशव्यापी बहस शुरू करने जा रहा है। इस पर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने स्पष्ट किया कि ऐसी किसी चर्चा या निर्णय का कोई विषय बैठक में नहीं है और यह केवल संगठनात्मक कार्यों की समीक्षा व मार्गदर्शन का अवसर है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि यह बैठक संघ के 46 प्रांतों के प्रचारकों की नियमित बैठक है, जिसमें संगठनात्मक प्रगति, कार्य विभागों के अनुभवों और योजनाओं पर विचार किया जाएगा। यह निर्णय लेने वाली नहीं, बल्कि मार्गदर्शन और समन्वय की बैठक है। इसमें सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह, कार्य विभाग प्रमुख और संघ प्रेरित 32 संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री उपस्थित रहेंगे।
संघ की बढ़ती लोकप्रियता के विषय में सुनील आंबेकर ने बताया कि युवाओं में संघ के प्रति उत्साह बढ़ा है। इस वर्ष अप्रैल से जून के बीच ‘Join RSS’ ऑनलाइन माध्यम से 28,571 लोगों ने पंजीकरण किया है। साथ ही, देशभर में 100 प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए गए हैं, जिनमें 40 वर्ष से कम आयु वाले 75% और 40 से 60 वर्ष के बीच के 25% स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इन वर्गों में सेवा, संगठन, आपदा प्रबंधन जैसी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया गया। पुरी की रथयात्रा और अहमदाबाद विमान हादसे जैसे अवसरों पर भी स्वयंसेवकों ने सेवा कार्य में सक्रिय भागीदारी निभाई है।
संघ ने दोहराया कि संविधान से संबंधित किसी भी मुद्दे पर न तो कोई चर्चा बैठक में प्रस्तावित है और न ही संघ का ऐसा कोई इरादा है। मीडिया द्वारा फैलाई जा रही अफवाहें पूरी तरह फर्जी हैं और उनका कोई आधार नहीं है।
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