प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा की शुरुआत शुक्रवार (29 अगस्त 2025) को टोक्यो में भारत-जापान इकनॉमिक फोरम को संबोधित करके की। इस मौके पर उन्होंने भारत और जापान के बीच लंबे समय से बने भरोसेमंद रिश्तों को याद किया और जापानी कंपनियों से भारत में निवेश करने का न्योता दिया।
‘Come, Make in India’ का न्योता
पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया सिर्फ भारत को देख ही नहीं रही, बल्कि भारत पर भरोसा भी कर रही है। उन्होंने वहाँ मौजूद बिजनेस लीडर्स से आह्वान किया – “Come, Make in India, Make for the World” (आइए, भारत में बनाइए, दुनिया के लिए बनाइए)। मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि ‘सुजुकी’ और ‘डाइकिन’ की सफलता की कहानियाँ अन्य जापानी कंपनियों के लिए भी प्रेरणा बन सकती हैं। अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ वॉर के बीच यह निमंत्रण और भी अहम माना जा रहा है।
#WATCH | Addressing the India-Japan Economic Forum in Tokyo, PM Modi says, "Japan has always been an important partner in India's development journey. From metro rail to manufacturing, semiconductors to startups…Japanese companies have invested over $ 40 billion in India…"… pic.twitter.com/8aW5E5BF8E
— ANI (@ANI) August 29, 2025
भारत-जापान साझेदारी में विश्वास
पीएम मोदी ने कहा कि मेट्रो से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक हर क्षेत्र में भारत-जापान की साझेदारी विश्वास का प्रतीक बनी है। उन्होंने आँकड़े पेश करते हुए बताया कि जापानी कंपनियों ने भारत में अब तक 40 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है और केवल पिछले दो वर्षों में ही 13 बिलियन डॉलर का प्राइवेट इन्वेस्टमेंट हुआ है।
उन्होंने कहा कि JBIC के अनुसार भारत सबसे ज्यादा उम्मीदों से भरा हुआ गंतव्य है और JETRO के मुताबिक 80% जापानी कंपनियाँ भारत में अपने कारोबार का विस्तार करना चाहती हैं, जबकि 75% पहले से ही मुनाफे में हैं।
भारत की आर्थिक ताकत और सुधार
मोदी ने कहा कि भारत आज राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का उदाहरण है और यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और आज वैश्विक विकास में 18% योगदान भारत का है।
उन्होंने बताया कि 2017 में वन नेशन-वन टैक्स (GST) लागू किया गया था और अब इसमें नए और बड़े सुधार किए जा रहे हैं। साथ ही भारत में Ease of Doing Business को बढ़ावा दिया गया है और रक्षा व अंतरिक्ष जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को भी निजी निवेश के लिए खोल दिया गया है।
‘टेक्नोलॉजी + टैलेंट’ का संगम
पीएम मोदी ने कहा कि जापान एक टेक पावरहाउस है और भारत एक टैलेंट पावरहाउस। उन्होंने विश्वास जताया कि जापान की टेक्नोलॉजी और भारत का टैलेंट मिलकर 21वीं सदी की टेक क्रांति का नेतृत्व कर सकते हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने भी इस बात पर सहमति जताई कि भारतीय प्रतिभा और जापानी तकनीक एक-दूसरे के पूरक हैं।
पुराने रिश्तों की याद
अपने संबोधन के दौरान मोदी ने जापान से अपने पुराने रिश्तों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी उनका जापान से गहरा संबंध था और अब दिल्ली आने के बाद भी यह रिश्ता और मजबूत हुआ है। उन्होंने वहाँ मौजूद कई उद्योगपतियों और कारोबारियों से अपने व्यक्तिगत परिचय का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें आज फिर से उनसे मिलने का अवसर पाकर खुशी हो रही है।
साथ ही, उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा का विशेष आभार जताया।
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