प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो ने अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ (Order of the Republic of Trinidad & Tobago) से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें दोनों देशों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने, ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका और कुशल नेतृत्व के लिए प्रदान किया गया। पोर्ट ऑफ स्पेन स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू ने यह सम्मान प्रदान किया। इस अवसर पर त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर, उनके मंत्रीमंडल के सदस्य और संसद सदस्य भी उपस्थित थे। यह पहली बार है जब त्रिनिदाद और टोबैगो ने अपने देश के बाहर के किसी नेता को यह सर्वोच्च सम्मान दिया है। अब तक 25 देशों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को उनके उत्कृष्ट वैश्विक योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जा चुके हैं।
सम्मान मिलने पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत और त्रिनिदाद व टोबैगो के साझा इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित संबंधों का प्रतीक बताया। उन्होंने याद किया कि करीब 180 साल पहले भारत से जो लोग वहां गए थे, उन्होंने दोनों देशों की मित्रता की नींव रखी। भले ही वे लोग खाली हाथ थे, लेकिन भारतीय संस्कृति, सभ्यता और विविधता से समृद्ध मन के साथ पहुंचे थे। उनके द्वारा बोए गए आपसी सौहार्द और सहयोग के बीज आज त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रगति में दिखते हैं।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति कंगालू के तमिलनाडु से संबंधों का उल्लेख करते हुए भारतीय संत परंपरा को भी याद किया। उन्होंने संत तिरुवल्लुवर के विचारों का उल्लेख किया और कहा कि मजबूत राष्ट्रों के पास वीर सेना, देशभक्त नागरिक, संसाधन, अच्छे जनप्रतिनिधि, मज़बूत रक्षा व्यवस्था और भरोसेमंद मित्र देश होने चाहिए — और भारत के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो ऐसा ही एक मित्र राष्ट्र है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और त्रिनिदाद व टोबैगो के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों की बात करते हुए कहा कि हमारे रिश्तों में क्रिकेट का रोमांच है, त्रिनिदाद के मसाले (pepper) का तड़का है, और संगीत का सुंदर संगम भी है — जब “कैलिप्सो” की धुन तबले की ताल से मिलती है तो यह सद्भाव और भी मधुर हो जाता है। उन्होंने कहा कि भारत इस संबंध को सिर्फ सम्मान नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में भी देखता है। त्रिनिदाद और टोबैगो, न केवल कैरीकॉम में बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है, और दोनों देश मिलकर ग्लोबल साउथ के लिए मिलकर कार्य करते रहेंगे।
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