भारत ने मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब और इथियोपिया के ब्रिक्स समूह में शामिल होने का स्वागत किया है। इन देशों के प्रतिनिधियों ने रूस की ओर से आयोजित ब्रिक्स की एक महत्वपूर्ण बैठक में पहली बार हिस्सा लिया। भारत के वरिष्ठ राजनयिक दम्मू रवि ने पश्चिमी रूस के निजनी नोवगोरोद में आयोजित ब्रिक्स समूह के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
‘नए सदस्यों का स्वागत’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘विस्तारित ब्रिक्स समूह के परिवार के प्रारूप में एक महत्वपूर्ण बैठक। भारत नए सदस्यों का तहे दिल से स्वागत करता है।’’
Secy (ER) Dammu Ravi led the Indian delegation at the BRICS Foreign Ministers‘ Meeting hosted by the Russian Federation on 10 June in Nizhny Novgorod.
A significant meeting in the format of expanded BRICS family. India whole heartedly welcomes the new membership. #BRICSSpirit pic.twitter.com/XCYD00JgAS
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 10, 2024
रूस नहीं जा सके एस जयशंकर
सोमवार को हुई बैठक, 2023 में ब्रिक्स के विस्तार के बाद पहली मंत्रिस्तरीय बैठक थी। मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिक्स समूह के पूर्ण सदस्य बन गए हैं। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका पहले से इसके सदस्य हैं। आमतौर पर विदेश मंत्री ऐसी बैठकों में भाग लेते हैं। चूंकि एस जयशंकर को रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सोमवार को ही विदेश मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था, इसलिए वो बैठक में भाग लेने के लिए रूस नहीं जा सके थे।
क्या है ब्रिक्स
रूस ने एक जनवरी, 2024 को ब्रिक्स की एक वर्ष की अध्यक्षता का कार्यभार संभाला था। ब्रिक्स दुनिया की पांच अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है।