रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) डीआरडीओ ने एक और उपलब्धि हासिल की है. डीआरडीओ ने हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) यानी अभ्यास (Abhyas) के छठे डेवलपमेंटल ट्रायल को सफलतापूर्वक पूरा किया है. ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंडीग्रेटेड टेस्ट रेंज में इसका परीक्षण किया गया है.
यह स्वदेशी लक्ष्य विमान एक बार विकसित होने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए HEAT की जरूरतों को पूरा करेगा. एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर से लॉन्च होता है. यहां से लॉन्चिंग के बाद इसके बूस्टर फिर इसे सबसोनिक गति से उड़ने में मदद करते हैं.
High Speed Expendable Aerial Target ‘ABHYAS’ successfully completes developmental trials with improved booster configurationhttps://t.co/enMd5izREz pic.twitter.com/eWnsu3XOwT
— DRDO (@DRDO_India) June 27, 2024
सिंगल बूस्टर की मदद से किया गया परीक्षण
इस बार का परीक्षण सिंगल बूस्टर की मदद से किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज आइटीआर से इसे हवा में उड़ाया था।
इसका नाम है, हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट ‘हिट’ यानी की अभ्यास। अभ्यास का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूप में होता है, टेस्ट में इस विमान की निगरानी टेलिमेटरी रडार एवं इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर की जांच की जाती है।
रक्षा मंत्री ने पूरे डीआरडीओ टीम को दी बधाई
अभ्यास नामक इस टारगेट को डीआरडीओ का एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट बेंगलुरु ने किया है तथा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और लार्सन ऐंड टुब्रो इसे बनाया है। रक्षा सूत्रों की माने तो अभ्यास अब बनाए जाने के लिए तैयार हो चुका है, अब इसका उत्पाद जल्दी ही किया जाएगा।
इसके परीक्षण को देखते हुए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे डीआरडीओ टीम को बधाई दिया है। वहीं, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉक्टर समीर भी कामत ने पूरे डीआरडीओ टीम को बधाई दिया है।
जानें इसकी खासियतें
- अभ्यास 180 मीटर प्रति सेकेंड की गति उड़ान भरता है. यानी एक सेकेंड में इतनी दूरी तय कर लेता है.
- इसकी सभी उड़ानें पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती हैं. इसे लैपटॉप से कंट्रोल किया जाता है.
- यह अधिकतम 5 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल कर लेता है. इसकी लगातार उड़ान होती रहती है. ताकि मिसाइलों की टेस्टिंग की जा सके.
- इसका इस्तेमाल एंटी-एयरक्राफ्ट वारफेयर प्रैक्टिस, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जैमर प्लेटफॉर्म, डिकॉय, पोस्ट लॉन्च रिकवरी मोड जैसे मिशन में होता है.