भोपाल में एक जनसभा के दौरान कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यह आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन कॉल के बाद भारत ने पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया था। उनका इशारा 2021 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीज़फायर समझौते की ओर था। उन्होंने इसे बीजेपी और आरएसएस के ‘झुकने वाले स्वभाव’ का प्रतीक बताया।
बीजेपी का पलटवार: सुधांशु त्रिवेदी का बयान
भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने इस बयान पर गहरा विरोध जताते हुए कई स्तरों पर राहुल गांधी पर हमला बोला।
1. हिंदी कहावत के जरिए तंज:
“नया मुल्ला ज़्यादा प्याज़ खाता है”
त्रिवेदी ने इस कहावत का इस्तेमाल करते हुए राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह भारत के आत्मसम्मान और सेना के शौर्य का अपमान कर रहे हैं, और उन्हें शायद इसका अंदाज़ा भी नहीं।
2. “जो पाकिस्तान ने नहीं कहा, वह राहुल गांधी ने कह दिया”
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त्रिवेदी का आरोप है कि राहुल गांधी ने ऐसी बात कह दी जो अब तक पाकिस्तानी सेना, सरकार या आतंकवादी संगठन तक ने नहीं कही।
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“क्या राहुल गांधी अब पाकिस्तान के आतंकियों से भी एक कदम आगे बढ़ना चाहते हैं?”
3. “क्या वह पाकिस्तानी नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं?”
त्रिवेदी ने तीखे लहजे में कहा:
“राहुल गांधी अब तक पाकिस्तानी आतंकी संगठनों और सेना को कवर फायर दे रहे थे, क्या अब उनका नेतृत्व करना चाहते हैं?”
4. “PoK किसने सरेंडर किया?”
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उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए पूछा कि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) का सरेंडर किसने किया?
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साथ ही दावा किया कि कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार के “ऐतिहासिक कारनामे” कैलेंडर में दर्ज ‘सरेंडर’ हैं।
5. “प्रधानमंत्री मोदी भारत मां के शेर हैं”
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उन्होंने राहुल की तुलना में पीएम मोदी की आक्रामक नेतृत्व शैली का उल्लेख करते हुए कहा:
“नरेंद्र मोदी कोई सरेंडर करने वाले नहीं, भारत मां के शेर हैं।”
6. चुनाव परिणाम को लेकर कटाक्ष
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त्रिवेदी ने राहुल गांधी के 2024 लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कहा:
“जो व्यक्ति तीसरी बार भी तीन अंकों से नीचे रह गया है, वह इसे अपनी सफलता मानता है और मोदी जी की तीसरी ऐतिहासिक जीत को हार बताता है — उसकी सोच का स्तर यहीं दिखता है।”
राहुल गांधी का बयान – संक्षेप में
“डोनाल्ड ट्रंप का फोन आता है और नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर देते हैं। आरएसएस-बीजेपी का करैक्टर है कि वे हमेशा झुकते हैं।”
(भोपाल, कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन)
विश्लेषण: मामला सिर्फ सीजफायर का नहीं, राजनीतिक नैरेटिव का है
पक्ष | विचार |
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कांग्रेस | मोदी सरकार को कमजोर दिखाने की कोशिश, अमेरिका की “दखल” बताकर राष्ट्रीय हितों से समझौते का आरोप |
बीजेपी | राहुल गांधी पर सेना और राष्ट्र के शौर्य को बदनाम करने का आरोप, उन्हें “पाकिस्तानी भाषा” बोलने वाला बताया |
क्या आगे हो सकता है?
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भाजपा संसद के मानसून सत्र में राहुल के बयान को मुद्दा बना सकती है।
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कांग्रेस इसे कूटनीतिक विफलता और आत्मसमर्पण के प्रतीक के तौर पर दोहराएगी।
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यह मामला राष्ट्रवाद बनाम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहस में बदल सकता है।