महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से करीब 100 किलोमीटर दूर नेरल के पास बन रहा ‘सुकून एंपायर’ हाउसिंग प्रोजेक्ट इन दिनों विवादों के घेरे में है। इस प्रोजेक्ट का एक प्रमोशनल वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें इसे ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ बताया गया। वीडियो में दावा किया गया कि यह प्रोजेक्ट खास तौर पर मुस्लिम समुदाय के लिए डिजाइन किया गया है, जहां लोग अपने मजहबी तौर-तरीकों से समझौता किए बिना रह सकेंगे और बच्चों की परवरिश भी हलाल माहौल में होगी।
एनएचआरसी का हस्तक्षेप
नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (NHRC) ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है। कमीशन का मानना है कि इस तरह की मार्केटिंग मानवाधिकार नियमों और रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (RERA) के प्रावधानों का उल्लंघन कर सकती है। एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए इसे “नेशन विदिन द नेशन” करार दिया और महाराष्ट्र सरकार से जांच की मांग की। कमीशन ने राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
यह विज्ञापन नहीं विष व्यापन है।
मुंबई के पास करजत इलाके में केवल मुसलमान मज़हब वालों के लिए हलाल लाइफ़ स्टाइल वाली टाउनशिप बनाई जा रही है।
यह Nation Within The Nation है,महाराष्ट्र सरकार को नोटिस किया जा रहा है। pic.twitter.com/zYtW4PN4Qt
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) September 1, 2025
मुस्लिम समुदाय के लिए खास ऑफर
इस प्रोजेक्ट को रिफा स्ट्रक्चरल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड विकसित कर रही है, जिसने इससे पहले “सुकून रेजीडेंसी” पर भी काम किया था। सूत्रों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में मुस्लिम समुदाय के लिए खास स्कीम पेश की जा रही है। डाउन पेमेंट के बाद शेष रकम बिना बैंक लोन के आसान किस्तों में बिल्डर को दी जा सकती है। बताया गया कि “सुकून रेजीडेंसी” के 78 में से 72 फ्लैट मुस्लिम समुदाय ने खरीदे थे और “सुकून एंपायर” की शुरुआती 12 बुकिंग्स भी पूरी तरह मुस्लिम ग्राहकों ने की हैं। हालांकि, कंपनी ने अभी तक विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
प्रमोशनल वीडियो से भड़का विवाद
प्रमोशनल वीडियो में एक महिला हिजाब पहने हुए प्रोजेक्ट को मुस्लिम परिवारों के लिए सुरक्षित जगह के रूप में प्रस्तुत करती है। विवाद बढ़ने के बाद यह वीडियो और इससे जुड़े सोशल मीडिया प्रोफाइल (जैसे इंस्टाग्राम) हटा दिए गए। एनएचआरसी ने इसे गंभीर मामला बताया है और अब महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया ही प्रोजेक्ट के भविष्य को तय करेगी।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम ने इसे “हाउसिंग जिहाद” बताया, जबकि कुछ लोग इसे धार्मिक भेदभाव के खिलाफ कदम कह रहे हैं। एनसीपी (शरद पवार गुट) के रोहित पवार ने कहा कि भारत हर धर्म और समुदाय का है, ऐसे में धर्म के आधार पर विज्ञापन देना संविधान के खिलाफ है और इसे रोका जाना चाहिए। वहीं, बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इस तरह के विज्ञापनों पर तत्काल रोक और कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इसे समाज में वैमनस्य और “जमीन जिहाद” को बढ़ावा देने वाला करार दिया।
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